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(原创)咏龙门石窟香山寺二首(七律) |
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发表于 2022-8-25 16:18
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自 题 联:
玉泉石濯,续音潇洒江湖客; 林樾莺啼,叶韵矜持野叟吟。 |
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发表于 2022-8-25 16:18
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自 题 联:
玉泉石濯,续音潇洒江湖客; 林樾莺啼,叶韵矜持野叟吟。 |
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发表于 2022-8-25 17:17
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发表于 2022-8-25 17:17
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发表于 2022-8-25 17:17
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发表于 2022-8-26 10:17
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发表于 2022-8-26 10:49
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发表于 2022-8-26 20:58
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发表于 2022-8-27 09:28
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发表于 2022-8-28 10:33
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发表于 2022-8-28 11:18
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发表于 2022-8-29 10:44
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发表于 2022-8-29 15:33
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发表于 2022-8-29 19:52
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